राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ममता बनर्जी विपक्षी दलों का एक मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन एकता से पहले ही बिखराव शुरू हो गया है। आज यह मीटिंग दिल्ली में होने वाली है, जिसमें टीआरएस ने शामिल होने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी इस बैठक में शामिल नहीं होगी। यही नहीं ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल और तेलंगाना में सरकार चला रही टीआरएस ने भी मीटिंग में शामिल होने से इनकार किया है। ममता बनर्जी ने कुल 22 दलों को न्योता दिया था, लेकिन अब तक साथ नहीं है कि कितनी पार्टियों के लोग उनकी बैठक में आएंगे। सबसे बड़ा झटका टीआरएस के नेता के. चंद्रशेखर राव ने ही दिया है, जो ममता बनर्जी के करीबियों में शुमार किए जाते हैं।
ममता बनर्जी की ओर से आमंत्रण मिलने के बाद भी बीजेडी ने बैठक में आने से इनकार किया है। बीजू जनता दल का कहना है कि अभी यह मीटिंग जल्दबाजी है। तस्वीर साफ होने के बाद ही हम कोई फैसला लेंगे। बीजेडी के नेताओं ने कहा कि हम यह भी देखना चाहेंगे कि एनडीए किसे अपना उम्मीदवार बनाता है। दरअसल खबरें हैैं कि एनडीए द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बना सकता है और ऐसा होने पर बीजेडी उनके साथ जा सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुर्मू यदि उम्मीदवार होती हैं तो फिर बीजेडी के लिए उनके खिलाफ वोट करना मुश्किल होगा।
ममता के साथ मिलकर अकसर भाजपा को मात देने की हुंकार भरने वाले केसीआर का कहना है कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ मंच साझा नहीं कर सकती। टीआरएस नेताओं का कहना है कि उनकी ओर से कांग्रेस को निमंत्रण दिए जाने पर ऐतराज जताया गया है। टीआरएस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कांग्रेस के साथ मंच साझा करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी टीआरएस पर मुखर हमले करते रहे हैं। ऐसे में उनके साथ वह नहीं आ सकती। टीआरएस ने तो कांग्रेस पर भाजपा के साथ ही गठजोड़ करने का आरोप लगाया है।
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