जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। देश में 1990 के बाद से लेकर अब तक का यह ऐसा पांचवां मामला है जब किसी नेता को गोली मारी गई है। इससे पहले 2007 में नागासाकी के मेयर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जापान के राजनीतिक नेताओं पर बंदूक हमलों की सूची में केवल एक अन्य प्रधानमंत्री शामिल हैं। 1994 में पूर्व प्रधानमंत्री होसोकावा मोरिहिरो को दक्षिणपंथी समूह के एक सदस्य ने टोक्यो के एक होटल में गोली मार दी। सौभाग्य से वह घायल नहीं हुए थे।
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1992 में दक्षिणपंथी समूह के एक सदस्य ने टोचिगी प्रान्त में कार्यक्रम में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के तत्कालीन उपाध्यक्ष कनेमारू शिन पर गोलियां चला दीं। लेकिन उन्हें भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। मालूम हो कि टोचिगी प्रान्त टोक्यो से 108 किमी उत्तर में स्थित है।
शिन पर हमले से दो साल पहले यानी कि 1990 में नागासाकी के तत्कालीन मेयर मोटोशिमा हितोशी पर एक दक्षिणपंथी सदस्य ने हमला किया था, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
वहीं, 1995 में टोक्यो में जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के तत्कालीन आयुक्त को उनके आवास के पास गोली मारी गई। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
जापान में सामान्य तौर पर सीनियर राजनीतिक नेताओं के साथ सशस्त्र सुरक्षा होती है, लेकिन कभी-कभी जब वो जनता के करीब जाते हैं तो सिक्योरिटी कुछ कम हो जाती है। वासेदा विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर ऐरो हिनो का कहना है कि जापान में शूटिंग की वारदात सामान्य बात नहीं है। हाल के कई सालों में ऐसा नहीं देखा गया है।
दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में यह हमला हैरान करने वाला है। जापान में बंदूक नियंत्रण के सख्त कानून लागू हैं। बता दें कि पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान आबे पर शुक्रवार को गोली चलाई गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 67 वर्षीय आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन उस समय उनकी सांस नहीं चल रही थी और हृदय गति रुक गई थी। पुलिस ने घटनास्थल से संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है।
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